Thursday, 23 October 2014

आप सभी को दीवाली का प्यार |

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दीवाली है रौशनी का त्यौहार,
लाये हर चेहरे पर मुस्कान,
सुख और समृधि की बहार ,
समेट लो सारी खुशियाँ,
अपनों का साथ और प्यार
इस पावन अवसर पर
आप सभी को दीवाली का प्यार.

Tuesday, 21 October 2014

नारायणांशो भगवान् स्वयं धन्वन्तरिर्ममहान्।पुरा समुंद्रमथने समत्तस्थौ महोदधेः।।सर्व वेदेषु निष्णातो मंत्र तंत्र विशारदः।शिष्यो हि बैनतेयस्य शंकरस्योपशिष्यक।।


अर्थात्

भगवान धन्वंतरि स्वयं नारायण के अंश रूप मे समुद्र मंथन से प्रकट हुए। धन्वंतरि समस्त वेदो के ज्ञाता, मंत्र-तंत्र मे निष्णात गरूडजी के शिष्य तथा भगवान शंकर के उप शिष्य है।
इस धन्वतरि पर्व के शुभ अवसर पर आप सबको हार्दिक शुभकामनाएं।


Thursday, 25 September 2014

जय माता जी ।

 जय माता जी । जय माता जी ।जय माता जी ।जय माता जी ।जय माता जी ।

Animated Sheranwali Mata Graphic
vijaykumardiary.blogspot.in | जय माता जी । | जय माता जी ।

Monday, 22 September 2014

मेरे व्यक्तित्व और मेरे व्यवहार को कभी मत मिलाईयेगा... क्योंकि मेरा व्यक्तिव मै हूँ और मेरा व्यवहार आप पर निर्भर करता है...!!!

Monday, 30 June 2014

संत का स्थान भगवन के चरणों में होता है न के भगवान के बराबर ।

संत का स्थान भगवन के चरणों में होता है न के भगवान के बराबर ।
अगर आप एक संत को भगवान कहते हो तो कही न कही हमारी आस्था को ठेस पहुँचा रहे हो|

हमारे देश मे बहुत से संत हुए |
सब को भगवान थोड़े ही कहेंगे |
हमारे लिए भगवान ब्रह्मा, विष्णु , महेश हैं |
अगर आप किसी इंसान को भगवान कहते हो तो आप हमारी आस्था को ठेस पहुँचा रहे हो |
हमारी विनती है आपलोगो से (साई) भक्तो से कृपया भगवान शब्द का परयोग ना करे इससे हमारी आस्था को ढेस पहुँच रही हैं |

Monday, 7 April 2014

मोदी को रोको, मोदी को रोको यह जुमला काफी सुनने को मिल रहा है. यह तो बताओ क्यों रोको ?

वैसे तो हर बार चुनाव के समय सरगर्मी थोड़ी बढ़ जाति है पर इस बार का नज़ारा देख कर ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे ये इस देश का अंतिम चुनाव है. आम तौर इस देश की महिलायें जो कल तक अपने पति से सिर्फ मतदान वाले दिन ही पूछा करती थी की किस पार्टी को वोट देना है, वो भी आज अपनी महफ़िलों में सास बहु की चुगलियों को छोड़कर इस बात की चर्चा करने लगी हैं की इस बार के चुनाव में क्या होगा या क्या होना चाहिए. इस चुनाव में चाहे जिसकी भी जीत हो पर इस देश में बदलाव का इससे बड़ा संकेत आज तक देखने को नहीं मिला, जो की इस देश के भविष्य के लिए अति उत्तम है.

एक और बात जो आज से पहले किसी चुनाव में देखने को नहीं मिला वो ये की आज के इस चुनावी मुकाबले में एक तरफ एक पार्टी भाजपा है और दूसरी तरफ बाकी सारी पार्टियाँ हैं. हालाँकि पहले भी भाजपा का विरोध होता आया है पर जिस तरह का विरोध आज देखने को मिल रहा है वैसा पहले कभी नहीं देखा गया. पहले के चुनावों को देखें तो हर राज्य में एक अलग लड़ाई देखने को मिलती थी, जैसे उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा की लड़ाई, बिहार में राजद और जदयू की लड़ाई, बंगाल में टीएमसी और लेफ्ट की लड़ाई, तमिलनाडु में डीएमके और एआईएडीएमके की लड़ाई मशहूर थी. चाहे लोक सभा का चुनाव ही क्यों न हो ये पार्टियाँ एक दुसरे पर प्रहार करने से कभी नहीं चुकती थीं. परन्तु आज जिस भी पार्टी को देख लो उसके निशाने पर सिर्फ और सिर्फ भाजपा और मोदी हैं.

एक और ख़ास बात जो इस चुनाव में देखने को मिल रही है वो ये की सत्ताधारी पार्टी को छोड़कर विपक्षी पार्टी पर निशाना साधा जा रहा है. अगर हम पहले के चुनावों को याद करें तो ऐसा कभी नहीं हुआ. भाजपा को छोड़कर कोई भी ऐसी पार्टी नहीं है जिसका मुख्य मुद्दा कांग्रेस का १० साल के घोटाले या भ्रष्टाचार हो. यहाँ पर सबसे ज्यादा गौर करने की बात ये है की ऐसा उस समय हो रहा है जब विगत 10 सालों में हुए घोटालों की सख्यां पहले किसी भी सरकार के मुकाबले बहुत ज्यादा है. और तो और जिस पार्टी का उदय ही  भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हुआ था आज उस पार्टी के नेता भी कभी इन घोटालों की बात नहीं करते.

वैसे भाजपा भले ही एक राष्ट्रीय पार्टी है परन्तु ये सर्वविदित है की कुछ राज्यों में आज भी निष्प्रभावी है पर हैरानी तो तब होती है जब उन राज्यों के नेताओं के भाषण में भी भाजपा और मोदी का विरोध का मुद्दा सर्वप्रथम होता है. अब तो कुछ नेता जनसभाओं में ये तक बोलने लगे हैं की आप भले ही मुझे वोट मत दो पर मोदी को हरा दो. थर्ड फ्रंट और फोर्थ फ्रंट की बात करने वाले आज "सेकुलर फ्रंट" की बात करने लगे हैं. इन सभी प्रयासों को देखकर तो यही लगता है की भाजपा के अलावा अन्य सभी पार्टियाँ सिर्फ और सिर्फ एक मुद्दे पर चुनाव लड़ रही हैं की "कैसे भी मोदी को रोकना है"


                    मोदी को रोको, मोदी को रोको यह जुमला काफी सुनने को मिल रहा है. यह तो बताओ क्यों रोको ?
                        जहां तक मेरा विचार है, यूपीए-2 की सरकार मे हद से ज्यादा भ्रष्टाचार का सबसे मुख्य कारण कांग्रेस और अन्य कथित सेकुलर पार्टियों का ए यकीन था की वो चाहे जो भी गलत करे, पर चुनाव के समय मे वो भाजपा के सम्प्रदायिक होने का डर दिखा कर फिर से जीत जायेंगे. और आप आज देख लीजिये, आज सारी पार्टियाँ इसी साजिश के अनुसार भाजपा के साम्प्रदायिक होने का मुद्दा उठा रही है.                                               
                       मोदी के आने से क्या बदलेगा क्या नहीं ए मुझे नहीं पता पर इतना जरूर पता है की कांग्रेस की उस सरकार से मुक्ति मिलेगी जिसने 10 साल तक जनता को खून के आँसूं रुलाये हैं. पता नही इतनी सी बात लोग क्यों नहीं समझ पा रहे हैं , मोदी विरोधी लोग |



Saturday, 8 February 2014

ओलंपिक के उद्‍घाटन समारोह में भारत हुआ शर्मसार

कुछ लोगो कि गलतियों के चलते ओलंपिक के उद्‍घाटन समारोह में भारत हुआ शर्मसार !
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सोच्चि (रूस)। शीतकालीन ओलंपिक खेलों का रंगारंग उद्‍घाटन समारोह शुरू हो 



चुका है और इसमें भाग ले रहे विभिन्न देशों के खिलाड़ी अपने वतन के राष्ट्रध्वज 


के साथ मार्चपास्ट कर रहे हैं लेकिन कैसा दुर्भाग्य है कि आपसी खींचतान के 


कारण 
आज इस मार्चपास्ट में भारत के तीन खिलाड़ी बगैर राष्ट्रीय ध्वज के हिस्सा

ले रहे 
रहे हैं।


भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने नैतिक और प्रशासनिक

कारणों से निलंबित किया हुआ है, जिससे भारत के लूज खिलाड़ी शिवा केशवन, एलपाइन स्कायर हिमांशु

ठाकुर और क्रॉस कंट्री स्कायर नदीम इकबाल आईओसी ध्वज के तले उद्‍घाटन समारोह में भाग ले रहे हैं।


भारतीय एथलीट ‘व्यक्तिगत एथलीटों’ के वर्ग के अंतर्गत शीतकालीन खेलों में हिस्सा ले रहे हैं और ये

ओलंपिक ध्वज का प्रतिनिधित्व करेंगे। भारत के लिए यह शर्मसार करने वाली घटना होगी क्योंकि पूरी

दुनिया के अरबों लोगों ने फिश्ट ओलंपिक स्टेडियम में चल रहा उद्‍घाटन समारोह देखा लेकिन यहां पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा कहीं नजर नहीं आया। 


इस शीतकालीन ओलंपिक खेलों में यदि कोई भारतीय पदक जीत भी जाता है तो वह तिरंगे ध्वज के

साथ नहीं बल्कि आईओसी ध्वज के साथ नजर आएगा। 


आईओसी ने दिसंबर 2012 में आईओए को ओलंपिक चार्टर का पालन नहीं करने के लिए प्रतिबंधित

किया था। इसके कारण भारतीय एथलीटों, जिसमें मुक्केबाज शामिल हैं, को विश्व संस्था के झंडे तले

टूर्नामेंटों में भाग लेना पड़ा। 


           इसका जिमेवार कौन ?
जरा राजनीती से बाहर निकल कर सोचो यारो , आज दुनिया भर के लोग हमारे बारे में क्या सोच रहे

होंगे । हमारे खिलाड़ियो के दिल पे क्या गुजर रही होगी । सारा जहाँ अपना झंडा लहरा रहे हैं


हमारी माँ भारती के लाल आँखों से आंशु बहा रहे होंगे । सोचो यारो सोचो , किसकी गलती के कारन

आज हमें ये दिन देखना पर रहा हैं । क्या उसे इसकी सजा नहीं मिलनी चाहिए । मुझे आपके जबाब का

इन्तेजार रहेगा ।

               एक हिंदुस्तानी
             
               विजय कुमार 

Thursday, 16 January 2014

मैं साँस रोकना चाहता हूँ,

                                                मैं साँस रोकना चाहता हूँ,
                                     इस निर्दयी दुनिया से दूर जाना चाहता हूँ,
                                     क्यूंकी वो हर साँस मे मुझे याद आती हैं,
                                               पर मैं ऐसा कर नही पाया,
                                         क्यूंकी ये ज़िंदगी भी तो उसी की हैं,
                                     में उसे ऐसे ही समाप्त कैसे कर सकता हूँ…

Wednesday, 8 January 2014

AAP ka Jolly LLB Law minister tries to bring Judiciary under Executive!

AAP ka Jolly LLB Law minister tries to bring Judiciary under Executive!
                         Courtesy- Indian Express, 7th Jan, 2014.
          Please See below News and think what's going on in our Delhi.



Tuesday, 7 January 2014

What is going on Delhi !

What is going on Delhi !
Shocked to read about AAP's gunda-gardi in Delhi !- Courtesy- Indian Express, 7th Jan, 2014.


किससे नफ़रत करू , किससे प्यार ?

किससे नफ़रत करू , किससे प्यार ? जानता हूँ जिंदगी बेबफा होती हैं फिर भी क्यूँ, इससे इतना प्यार करता हूँ| हर पल इसकी खुशी की खात...